CG Cabinet Meeting : छत्तीसगढ़ में नए साल से पहले कैबिनेट की अहम बैठक, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे अध्यक्षता
CG Cabinet Meeting : छत्तीसगढ़ में नये साल से पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में राज्य की कैबिनेट की अहम बैठक आयोजित की जाएगी। यह बैठक 31 दिसंबर 2025 को महानदी भवन में आयोजित होगी, जिसमें कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों पर मुहर लगेगी। इससे पहले 10 दिसंबर को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में कैबिनेट की बैठक हुई थी, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक के बाद मीडिया को ब्रीफिंग भी दी गई थी।
आत्मसमर्पित नक्सलियों के प्रकरणों की वापसी
कैबिनेट की बैठक में एक अहम निर्णय आत्मसमर्पित नक्सलियों के विरुद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरणों के निराकरण/वापसी संबंधी प्रक्रिया को मंजूरी देना रहा। मंत्रिपरिषद ने इसके लिए उप समिति का गठन करने का निर्णय लिया। इस समिति द्वारा आत्मसमर्पित नक्सलियों के प्रकरणों की समीक्षा कर उनके विरुद्ध दर्ज मामलों की वापसी के लिए सिफारिशें मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत की जाएंगी। यह निर्णय छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 के प्रावधानों के अनुरूप है।
नीति के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों के अच्छे आचरण और नक्सलवाद उन्मूलन में योगदान को ध्यान में रखकर उनके खिलाफ दर्ज प्रकरणों की वापसी पर विचार किया जाएगा। प्रकरण वापसी की प्रक्रिया के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को प्रस्तुत करेगी। पुलिस मुख्यालय विधि विभाग की अभिमत सहित प्रस्ताव मंत्रिपरिषद उप समिति के समक्ष रखेगा। संसदीय या केंद्रीय अधिनियम से संबंधित प्रकरणों के लिए भारत सरकार से आवश्यक अनुज्ञा प्राप्त की जाएगी। अन्य प्रकरणों को न्यायालय में लोक अभियोजन अधिकारी के माध्यम से वापसी के लिए जिला दंडाधिकारी को भेजा जाएगा। इस निर्णय से न केवल नक्सलियों के पुनर्वास में मदद मिलेगी, बल्कि शांति प्रक्रिया और नक्सलवाद उन्मूलन को भी बल मिलेगा।
जन विश्वास विधेयक (संशोधन)
कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) (द्वितीय) विधेयक, 2025 का प्रारूप भी मंजूर किया। यह विधेयक राज्य के 14 विभिन्न अधिनियमों में समयानुकूल और नागरिकों के अनुकूल संशोधन लाने के उद्देश्य से लाया गया है। मंत्री परिषद ने कहा कि कई अधिनियमों में उल्लंघन पर जुर्माना या कारावास के प्रावधान न्यायिक प्रक्रिया को लंबा खींच देते हैं। इससे आम नागरिक और व्यवसाय प्रभावित होते हैं। जन विश्वास विधेयक के द्वितीय संस्करण से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा मिलेगा। इस विधेयक में छोटे उल्लंघनों के लिए प्रशासकीय शास्ति का प्रावधान रखा गया है, जिससे मामलों का त्वरित निपटारा संभव होगा, न्यायालयों का बोझ कम होगा और नागरिकों को शीघ्र राहत मिलेगी। इसके साथ ही अधिनियमों में लंबे समय से अपरिवर्तित दंड राशि को संशोधित करने का प्रावधान भी किया गया है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने जन विश्वास विधेयक का द्वितीय संस्करण लाकर सुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया।
प्रथम अनुपूरक अनुमान और विनियोग विधेयक
कैबिनेट ने प्रथम अनुपूरक अनुमान वर्ष 2025-2026 को विधानसभा में प्रस्तुत करने के संबंध में छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2025 को भी मंजूरी दी। यह कदम राज्य की वित्तीय योजनाओं और विकास कार्यक्रमों के समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अहम माना जा रहा है।
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