नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक और क्रांतिकारी कदम उठाते हुए दलित बच्चों के लिए “अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना” शुरू करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों के प्रतिभाशाली छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है।
योजना की मुख्य विशेषताएं
- शैक्षणिक वित्तीय सहायता: दलित वर्ग के छात्रों की विदेश में उच्च शिक्षा के लिए सभी प्रकार के शैक्षणिक खर्चे, जैसे ट्यूशन फीस, वीजा शुल्क और यात्रा खर्च, सरकार उठाएगी।
- लाभार्थी वर्ग: इस योजना का लाभ उन छात्रों को मिलेगा जो अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग से आते हैं और किसी प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालय में एडमिशन पाते हैं।
- आर्थिक सीमा: इस योजना के तहत उन्हीं छात्रों को सहायता मिलेगी, जिनके परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है।
केजरीवाल का बयान
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा,
“बाबा साहब अंबेडकर का सपना था कि हर दलित बच्चे को उच्च शिक्षा मिले और वह समाज की मुख्यधारा में जुड़े। यह योजना उसी दिशा में एक कदम है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आर्थिक कठिनाइयों के कारण किसी भी दलित छात्र का सपना अधूरा न रह जाए।”
प्रक्रिया और चयन
- आवेदन करने वाले छात्रों का चयन उनकी शैक्षणिक योग्यता और प्रवेश प्राप्त विश्वविद्यालय की रैंकिंग के आधार पर किया जाएगा।
- स्कॉलरशिप के लिए आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जा सकेगा, जो जल्द ही लॉन्च होगा।
योजना का असर
इस योजना से दलित समुदाय के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा का अनुभव मिलेगा, जिससे उनके करियर के अवसर बढ़ेंगे। इसके साथ ही, यह कदम सामाजिक समानता की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस पहल पर विपक्ष ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ इसे महज “लोकलुभावन” योजना बता रहे हैं, जबकि अन्य ने इसे दलितों के सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम बताया है।